Monday, April 30, 2007

मेरी दास्ताँ हसरत वो सुना सुना कर रोये ,
मेरे आजमाने वाले मुझे आजमा कर रोये ,
कोई ऐसा अहल -ए -दिल हो क फ़साना मोहब्बत ,
मैं उससे सुना कर रोऊँ वो मुझे सुना कर रोये ,
मेरे पास से गुज़र गया मेरा हाल तक ना पूछा ,
मैं यह कैसे मान जून के वो दूर जा कर रोये ,
तेरी बेवाफैयों पर तेरी कुजरयिओं पर ,
कभी सिर झुका कर कभी मुह छुपा कर रोये ,
मेरी आरजू कि दुनिया दिल -ए -नातावन कि हसरत ,
जिसे खो कर षड्मन थे उससे आज पा कर रोये ,
जो सुनायी अंजुमन में शबे -ए -घम कि बीती ,
कई रो कर मुस्कुराये कयी मुस्कुरा कर रोये ॥!!!

Sunday, April 29, 2007

दिल मैं हमारी याद रखना
चेह्रय पर मुस्कराहट रखना
कभी कोई हरा ना सके
ऐसा अपना मुकाम रखना

Friday, April 27, 2007

मेरा हल बुरा है है लेकिन तेरा हाल कैसा है

राजनीती

सोचता हूँ कि उत्तर प्रदेश कि राजनिती भी बिल्कुल ही अलग ही है कभी उथल पुथल तो कभी स्थिरता तो कभी कुछ भी नन्हीं

hamesha